Hypothyroidism में क्या खाएं और क्या नहीं? जानिए एक सम्पूर्ण डाइट चार्ट, आयोडीन, सेलेनियम और फाइबर से भरपूर आहार की सम्पूर्ण जानकारी।
भारत में हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। थायरॉइड ग्रंथि शरीर की चयापचय (metabolism), ऊर्जा स्तर और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन का निर्माण नहीं करती, तो यह स्थिति हाइपोथायरायडिज्म कहलाती है।
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति अक्सर थकान, वजन बढ़ना, डिप्रेशन, बाल झड़ना और ठंड लगने जैसी समस्याओं का सामना करता है। हालांकि उचित आहार और जीवनशैली में बदलाव से इस स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि भारत में रहने वाले लोगों के लिए हाइपोथायरायडिज्म डाइट कैसी होनी चाहिए, क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, और किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
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Hypothyroidism Diet |
हाइपोथायरायडिज्म में आहार का महत्व
थायरॉइड ग्रंथि के सही कामकाज के लिए कुछ खास पोषक तत्व बेहद ज़रूरी होते हैं, जैसे:
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आयोडीन (Iodine)
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सेलेनियम (Selenium)
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जिंक (Zinc)
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विटामिन D और B12
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एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर
इन पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा लेने से थायरॉइड हार्मोन का निर्माण और उसका उपयोग सही तरीके से होता है।
हाइपोथायरायडिज्म में क्या खाएं?
1. आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ
आयोडीन थायरॉइड हार्मोन उत्पादन के लिए अनिवार्य है।
डाइट में आयोडीन स्रोत:
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आयोडाइज्ड नमक
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समुद्री खाद्य पदार्थ जैसे मछली, झींगा
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दूध और दही
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अंडे
2. सेलेनियम से भरपूर खाद्य पदार्थ
सेलेनियम थायरॉइड हार्मोन को एक्टिव करने में मदद करता है।
सेलेनियम के स्रोत:
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सूरजमुखी के बीज
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कद्दू के बीज
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अंडे
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साबुत अनाज
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लहसुन
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मशरूम
3. जिंक युक्त आहार
जिंक थायरॉइड फ़ंक्शन को सुधारने और इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने में मदद करता है।
जिंक के स्रोत:
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चना
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मूंगफली
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काजू
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अंडा
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दूध
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साबुत अनाज
4. विटामिन D और B12
भारत में कई लोगों को विटामिन D और B12 की कमी होती है, जो हाइपोथायरायडिज्म को और बिगाड़ सकती है।
प्राकृतिक स्रोत:
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विटामिन D: धूप, अंडा, मछली
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विटामिन B12: दूध, दही, पनीर, अंडा, मीट (शाकाहारियों के लिए फोर्टिफाइड फूड)
5. फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स
पाचन सुधारने, वजन नियंत्रित करने और सूजन घटाने में सहायक।
स्रोत:
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हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (पालक, मेथी, सरसों)
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फल (सेब, अमरूद, अनार, पपीता)
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दालें और बीन्स
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साबुत अनाज (जौ, ओट्स, ब्राउन राइस)
6. पानी और हाइड्रेशन
थकान और कब्ज की समस्या को दूर रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है। दिन में 2.5–3 लीटर पानी पिएं।
हाइपोथायरायडिज्म में क्या न खाएं?
1. गोइट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थ
यह पदार्थ थायरॉइड हार्मोन उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं, खासकर जब कच्चे रूप में खाए जाएँ।
सावधानी बरतने वाले फूड्स:
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ब्रोकली
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फूलगोभी
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पत्तागोभी
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सोया और सोया उत्पाद
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बाजरा (millet)
2. प्रोसेस्ड और शुगर युक्त खाद्य पदार्थ
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बिस्किट, केक, नमकीन
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डिब्बाबंद और फास्ट फूड
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सॉफ्ट ड्रिंक्स
ये सूजन को बढ़ाते हैं और वजन कम करना मुश्किल बना देते हैं।
3. ग्लूटेन (कुछ मामलों में)
कुछ लोगों में ग्लूटेन सेंसिटिविटी भी थायरॉइड समस्याओं को बढ़ा सकती है।
ग्लूटेन युक्त चीज़ें:
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गेहूं, मैदा, सूजी
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ब्रेड, पास्ता, केक आदि
अगर आपको हाशिमोटो थायरॉयडिटिस (Hashimoto’s) है, तो डॉक्टर से परामर्श करके ग्लूटेन हटाने का विचार कर सकते हैं।
भारतीय हाइपोथायरायड डाइट का सैंपल प्लान
सुबह खाली पेट (7:00 AM)
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गुनगुना पानी + नींबू
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थायरॉइड दवा (जैसे एल्ट्रॉक्सिन) खाली पेट
नाश्ता (8:30 AM)
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ओट्स या उपमा
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1 उबला अंडा या स्प्राउट्स
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ग्रीन टी
मिड मॉर्निंग स्नैक (11:00 AM)
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एक फल (सेब या अमरूद)
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कुछ बादाम और अखरोट
दोपहर का भोजन (1:30 PM)
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ब्राउन राइस / मल्टीग्रेन रोटी
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मूंग दाल / राजमा
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सब्ज़ी (पकी हुई पालक/तोरई)
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सलाद
शाम का नाश्ता (4:30 PM)
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मखाना भुना हुआ या खाखरा
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हर्बल चाय
रात का खाना (7:30 PM)
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खिचड़ी / ओट्स चिल्ला
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दही (कम मात्रा में)
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पका हुआ हरा साग
सोने से पहले (9:30 PM)
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हल्दी वाला गुनगुना दूध (अगर पचता हो)
अतिरिक्त सुझाव
✅ व्यायाम करें
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रोज़ाना 30 मिनट वॉक या योग
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थायरॉइड के लिए प्राणायाम (भ्रामरी, उज्जायी) लाभदायक हैं
✅ नियमित जांच
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TSH, T3, T4 हर 3-6 महीने में चेक कराएं
✅ स्ट्रेस कम करें
तनाव से थायरॉइड और बिगड़ सकता है। ध्यान, मेडिटेशन अपनाएं।
निष्कर्ष
हाइपोथायरायडिज्म को दवा के साथ-साथ संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। ऊपर बताए गए खाद्य विकल्प और डायट प्लान भारतीय खान-पान की आदतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
सही पोषण के साथ आपका शरीर बेहतर तरीके से थायरॉइड हार्मोन का उपयोग कर सकता है और आप ऊर्जा से भरपूर और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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