भारत में बच्चों को कौन-कौन से टीके कब लगाए जाते हैं? जानिए पूरी जानकारी – उम्रवार शेड्यूल, रोगों से सुरक्षा और सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम।
भारत में बच्चों का टीकाकरण (Vaccination) न केवल उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है, बल्कि यह समाज में गंभीर बीमारियों के प्रसार को भी रोकता है। भारत सरकार का "यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (UIP)" इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त टीके प्रदान किए जाते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि भारत में बच्चों को कौन-कौन से टीके कब-कब लगाए जाते हैं और ये टीके किन-किन रोगों से बच्चों को सुरक्षित रखते हैं।
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भारत में बच्चों के टीकाकरण की पूरी जानकारी |
टीकाकरण क्यों ज़रूरी है?
टीके हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को सक्रिय करते हैं ताकि वह किसी विशेष वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम हो सके। इससे बच्चों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षा मिलती है, जो कभी जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।
भारत में बच्चों का टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Schedule)
भारत सरकार द्वारा निर्धारित वैक्सीनेशन शेड्यूल इस प्रकार है:
1. जन्म के समय (At Birth)
टीका | रोग |
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BCG | तपेदिक (Tuberculosis) |
ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV-0) | पोलियो |
हैपेटाइटिस B (Hepatitis B - Birth Dose) | हेपेटाइटिस बी (जिगर से जुड़ी बीमारी) |
2. 6 सप्ताह (डेढ़ महीने)
टीका | रोग |
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Pentavalent-1 (DPT + Hib + Hepatitis B) | डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप B, हेपेटाइटिस B |
OPV-1 | पोलियो |
IPV-1 | पोलियो (Injectable) |
Rotavirus-1 | दस्त (Rotavirus से होने वाला severe diarrhea) |
PCV-1 (Pneumococcal Conjugate Vaccine) | न्यूमोनिया, मेनिन्जाइटिस, सेप्टीसीमिया |
3. 10 सप्ताह (ढाई महीने)
टीका | रोग |
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Pentavalent-2 | वही पांच बीमारियाँ |
OPV-2 | पोलियो |
IPV-2 | पोलियो |
Rotavirus-2 | दस्त |
PCV-2 | न्यूमोनिया आदि |
4. 14 सप्ताह (साढ़े तीन महीने)
टीका | रोग |
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Pentavalent-3 | डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी, Hib, हेपेटाइटिस B |
OPV-3 | पोलियो |
IPV-B | पोलियो |
Rotavirus-3 | दस्त |
PCV Booster (PCV-B) | न्यूमोनिया |
5. 9 महीने
टीका | रोग |
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MR-1 (Measles-Rubella) | खसरा (Measles), रूबेला (Rubella) |
JE-1 (Japanese Encephalitis) (JE प्रोन क्षेत्रों में) | जापानी इंसेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) |
Vitamin A (1st dose) | विटामिन A की कमी से जुड़ी समस्याएं जैसे अंधापन |
6. 16-24 महीने
टीका | रोग |
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MR-2 | खसरा और रूबेला |
DPT Booster-1 | डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी |
OPV Booster | पोलियो |
JE-2 (JE प्रोन क्षेत्रों में) | जापानी इंसेफलाइटिस |
Vitamin A (2nd to 9th dose) (हर 6 महीने पर) | विटामिन A की कमी से बचाव |
7. 5-6 साल
टीका | रोग |
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DPT Booster-2 | डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी |
8. 10 वर्ष
टीका | रोग |
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Td (Tetanus and Diphtheria) | टेटनस और डिप्थीरिया |
9. 16 वर्ष
टीका | रोग |
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Td Booster | टेटनस और डिप्थीरिया |
प्रत्येक टीके की सुरक्षा किससे होती है?
यह जानना भी ज़रूरी है कि कौन-सा टीका किन बीमारियों से सुरक्षा देता है:
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BCG: बच्चों को फेफड़ों और ब्रेन से जुड़ी टीबी से बचाता है।
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Hepatitis B: लीवर को संक्रमित करने वाले खतरनाक वायरस से सुरक्षा।
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OPV/IPV: बच्चों को लकवा (Polio) जैसी जानलेवा बीमारी से बचाता है।
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Pentavalent Vaccine: पाँच बीमारियाँ – डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी, Hib और हेपेटाइटिस B।
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Rotavirus Vaccine: बच्चों में गंभीर दस्त को रोकता है।
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PCV: न्यूमोनिया और मस्तिष्क की सूजन जैसी बीमारियों से सुरक्षा।
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MR Vaccine: खसरा और रूबेला जैसी वायरल बीमारियों से बचाव।
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JE Vaccine: दिमागी बुखार या Japanese Encephalitis से सुरक्षा।
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DPT Booster: बचपन में दी गई सुरक्षा को मजबूत करता है।
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Td Vaccine: किशोरों और युवाओं को टेटनस और डिप्थीरिया से बचाता है।
वैक्सीनेशन से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें
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टीकों के दुष्प्रभाव (Side Effects): हल्का बुखार, सूजन या टीके की जगह पर दर्द – ये सामान्य हैं और कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं।
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टीकाकरण कार्ड: बच्चों का वैक्सीनेशन कार्ड हमेशा संभाल कर रखें। यह स्कूल एडमिशन और सरकारी योजनाओं में काम आता है।
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Missed Dose: अगर कोई डोज छूट जाए तो डॉक्टर से संपर्क कर उसे जल्द से जल्द पूरा करवा लेना चाहिए।
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सरकारी टीकाकरण अभियान: गाँवों और कस्बों में समय-समय पर सरकार द्वारा मुफ्त टीकाकरण शिविर लगाए जाते हैं। इनका लाभ ज़रूर उठाएँ।
निष्कर्ष
भारत में बच्चों का टीकाकरण एक प्रभावशाली स्वास्थ्य कार्यक्रम है जो हमारे बच्चों को गंभीर और कभी-कभी जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित करता है। सभी माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चों का समय पर टीकाकरण करवाएँ और उनकी सेहत को मजबूत बनाएं। स्वस्थ बचपन ही स्वस्थ भारत की नींव है।
सुझाव
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अपने नज़दीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बच्चों का टीकाकरण शेड्यूल प्राप्त करें।
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टीकाकरण के दिन बच्चों को अच्छे से खाना खिलाएं और आराम दें।
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किसी भी चिंता या साइड इफेक्ट के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
क्या आपके बच्चे का टीकाकरण पूरा हुआ है? अगर नहीं, तो आज ही नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत करें।
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