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रविवार, 30 मार्च 2025

साइटिका बीमारी: कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय

साइटिका क्या है? इसके कारण, लक्षण, घरेलू उपचार, योग, फिजियोथेरेपी और बचाव के तरीके जानें। साइटिका का सम्पूर्ण उपचार इस गाइड में पढ़ें!


परिचय

एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 1.5 से 4 करोड़ लोग साइटिका से ग्रसित हो सकते हैं। साइटिका (Sciatica) एक सामान्य लेकिन कष्टदायक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो मुख्य रूप से पीठ के निचले हिस्से से लेकर पैरों तक दर्द उत्पन्न करती है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब साइटिक नर्व (Sciatic Nerve) पर किसी भी प्रकार का दबाव या जलन होती है। साइटिक नर्व शरीर की सबसे लंबी और मोटी नस होती है, जो रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों तक जाती है। यदि यह नस प्रभावित होती है, तो कमर, नितंब, जांघ और पिंडली में तेज दर्द, झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो सकती है।


साइटिका के कारण

साइटिका का मुख्य कारण साइटिक नर्व पर दबाव पड़ना होता है। इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc): रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क यदि खिसक जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो यह साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकती है।

  • स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis): जब रीढ़ की हड्डी का कैनाल संकरा हो जाता है, तो नसों पर दबाव बढ़ जाता है और साइटिका हो सकता है।

  • डिगेनेरेटिव डिस्क डिजीज (Degenerative Disc Disease): उम्र बढ़ने के साथ डिस्क कमजोर होने लगती हैं, जिससे साइटिका की समस्या हो सकती है।

  • पाइरिफोर्मिस सिंड्रोम (Piriformis Syndrome): यह तब होता है जब नितंब की एक मांसपेशी (पाइरिफोर्मिस मसल) साइटिक नर्व को संकुचित कर देती है।

  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बढ़ता वजन और हॉर्मोनल परिवर्तन साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकते हैं।

  • मोटापा: अधिक वजन होने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है, जिससे साइटिका की संभावना बढ़ जाती है।

  • लंबे समय तक बैठना: अगर आप लगातार घंटों तक बैठे रहते हैं, तो यह साइटिक नर्व पर दबाव डाल सकता है।

  • डायबिटीज: यह नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे साइटिक नर्व भी प्रभावित हो सकती है।


साइटिका के लक्षण

साइटिका के लक्षण व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते हैं और यह हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। आम लक्षणों में शामिल हैं:

  • पीठ के निचले हिस्से से लेकर पैरों तक तेज या जलन जैसा दर्द।

  • एक या दोनों पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना।

  • चलने, बैठने या खड़े होने में कठिनाई।

  • प्रभावित पैर में कमजोरी या संतुलन की समस्या।

  • हंसने, खांसने या झुकने पर दर्द बढ़ जाना।

  • कुछ मामलों में, प्रभावित पैर में ऐंठन या ऐंठन जैसा दर्द महसूस होना।


साइटिका के निदान के लिए टेस्ट

साइटिका का सही निदान करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं:

  • शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके पैर उठाने, चलने और बैठने जैसी गतिविधियों के दौरान दर्द की स्थिति की जांच करेंगे।

  • एक्स-रे (X-Ray): यह रीढ़ की हड्डी में किसी भी असामान्यता की जांच करने में मदद करता है।

  • एमआरआई (MRI): इससे डिस्क और नसों की स्थिति की अधिक स्पष्ट जानकारी मिलती है।

  • सीटी स्कैन (CT Scan): यदि आवश्यक हो, तो विस्तृत जांच के लिए सीटी स्कैन किया जाता है।

  • नर्व कंडक्शन स्टडी (Nerve Conduction Study): इससे साइटिक नर्व की विद्युत गतिविधि की जांच की जाती है।


साइटिका का उपचार

साइटिका के इलाज के कई तरीके हैं, जिनमें घरेलू उपचार से लेकर मेडिकल ट्रीटमेंट तक शामिल हैं।

1. घरेलू उपचार

  • गर्म और ठंडी सिकाई: दर्द को कम करने के लिए पहले 48 घंटों में बर्फ की सिकाई करें, फिर गर्म सिकाई करें।

  • स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज: रीढ़ और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से योग और स्ट्रेचिंग करें।

  • आराम: बहुत अधिक मेहनत वाले कार्य करने से बचें, लेकिन पूरी तरह से निष्क्रिय न रहें।

  • पोस्चर सुधारें: सही मुद्रा में बैठें और अधिक देर तक एक ही स्थिति में न बैठें।


2. फिजियोथेरेपी

  • पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए व्यायाम साइटिक नर्व के दबाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

  • योगासन जैसे भुजंगासन, धनुरासन और सेतुबंधासन साइटिका में लाभकारी होते हैं।


3. दवाएं

डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं, जैसे:

  • पेन रिलीवर: इबुप्रोफेन और नैप्रोक्सेन जैसी दवाएं दर्द को कम करने में मदद करती हैं।

  • मसल रिलैक्सेंट्स: मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं दी जा सकती हैं।

  • स्टेरॉइड इंजेक्शन: यदि दर्द बहुत गंभीर हो, तो डॉक्टर नसों के आसपास स्टेरॉइड इंजेक्शन दे सकते हैं।


4. सर्जरी (आवश्यकता होने पर)

यदि 6-8 हफ्तों तक कोई अन्य उपचार काम नहीं करता और व्यक्ति को बहुत अधिक दर्द और कमजोरी होती है, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

  • माइक्रोडिस्केक्टॉमी: इसमें हर्नियेटेड डिस्क के हिस्से को हटा दिया जाता है।

  • लम्बर लैमिनेक्टॉमी: इसमें स्पाइनल कैनाल की संकीर्णता को ठीक किया जाता है।


साइटिका से बचाव के उपाय

साइटिका से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:

  1. सही मुद्रा बनाए रखें: हमेशा सीधा बैठें और झुककर न बैठें।

  2. नियमित व्यायाम करें: रोजाना योग, स्ट्रेचिंग और हल्का कार्डियो करें।

  3. वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन से रीढ़ पर दबाव बढ़ता है, जिससे साइटिका की संभावना बढ़ जाती है।

  4. भारी वजन उठाने से बचें: यदि जरूरी हो, तो सही तकनीक का उपयोग करें।

  5. लंबे समय तक बैठने से बचें: हर घंटे में एक बार उठकर चलें।


निष्कर्ष

साइटिका एक दर्दनाक लेकिन सामान्य समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। हालांकि, सही जीवनशैली अपनाकर, नियमित व्यायाम और सही पोस्चर का पालन करके इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि साइटिका के लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। सही उपचार और बचाव के उपाय अपनाकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और जीवन को दर्दमुक्त बनाया जा सकता है।


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