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मंगलवार, 25 मार्च 2025

Hemorrhoids (बवासीर) क्या है? कारण, लक्षण और उपचार Hemorrhoids in Hindi

"बवासीर (Hemorrhoids) क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण, घरेलू उपाय और इलाज। बिना सर्जरी के बवासीर से छुटकारा पाने के लिए यह गाइड पढ़ें!"


परिचय

भारत में बवासीर (Hemorrhoids) एक बेहद आम लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है। बदलती जीवनशैली, अनियमित खानपान, मसालेदार भोजन, कब्ज और शारीरिक सक्रियता की कमी इसके मुख्य कारण हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक, लाखों भारतीय इस रोग से परेशान हैं लेकिन सामाजिक शर्म या जानकारी की कमी के कारण सही इलाज नहीं ले पाते। इस लेख में हम आपको बवासीर के कारण, लक्षण, घरेलू इलाज और आधुनिक उपचार विकल्पों के बारे में विस्तार से बताएंगे। 


बवासीर (Hemorrhoids) क्या है 

Hemorrhoids, जिसे आम भाषा में बवासीर कहा जाता है, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो गुदा (anus) और मलाशय (rectum) की नसों में सूजन और जलन के कारण होती है। यह समस्या दर्द, खुजली और कभी-कभी रक्तस्राव का कारण बन सकती है। बवासीर दो प्रकार की होती है – आंतरिक (Internal Hemorrhoids) और बाहरी (External Hemorrhoids)। सही जानकारी और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

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बवासीर के प्रकार (Types of Hemorrhoids in Hindi)

बवासीर को उसके स्थान और लक्षणों के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में बांटा जाता है:

1. आंतरिक बवासीर (Internal Hemorrhoids)

  • यह गुदा और मलाशय के अंदर होती है।

  • सामान्यतः दर्द रहित होती है लेकिन मल त्याग के दौरान रक्तस्राव हो सकता है।

  • जब यह अधिक बढ़ जाती है, तो यह गुदा के बाहर आ सकती है, जिसे प्रोलैप्सड हेमोरॉयड कहा जाता है।


2. बाहरी बवासीर (External Hemorrhoids)

  • यह गुदा के बाहरी भाग में होती है।

  • इसमें खुजली, जलन, दर्द और सूजन हो सकती है।

  • यदि इसमें रक्त जम जाता है, तो इसे थ्रोम्बोस्ड हेमोरॉयड कहा जाता है, जो अत्यधिक दर्दनाक हो सकता है।


बवासीर होने के कारण (Causes of Hemorrhoids in HIndi)

बवासीर कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

कब्ज (Constipation): बार-बार कठोर मल त्याग करने से गुदा की नसों पर दबाव बढ़ता है।
लंबे समय तक शौचालय में बैठना: अधिक समय तक बैठने से गुदा क्षेत्र पर दबाव पड़ता है।
कम फाइबर युक्त आहार: पर्याप्त फाइबर न लेने से पाचन तंत्र धीमा हो जाता है।
मोटापा (Obesity): अधिक वजन होने से पेट पर दबाव बढ़ता है, जिससे बवासीर का खतरा बढ़ जाता है।
गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान बढ़ते हुए शिशु के दबाव के कारण बवासीर हो सकती है।
भारी वजन उठाना: बार-बार भारी सामान उठाने से नसों पर तनाव बढ़ता है।
दस्त (Diarrhea): लगातार दस्त होने से गुदा की नसों में जलन हो सकती है।
व्यायाम की कमी: लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से मल त्याग की समस्याएं हो सकती हैं।

बवासीर के लक्षण (Symptoms of Hemorrhoids in Hindi)

बवासीर के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

खून आना: मल त्याग के दौरान हल्का या अधिक रक्तस्राव हो सकता है।
गुदा में खुजली और जलन: गुदा क्षेत्र में लगातार जलन और खुजली रहना।
सूजन और गांठ: गुदा के आसपास सूजन महसूस हो सकती है, और बाहरी बवासीर में गांठ भी बन सकती है।
दर्द और असहजता: विशेष रूप से बाहरी बवासीर में दर्द अधिक होता है, खासकर जब थ्रोम्बोस्ड हो।
मल त्याग में कठिनाई: मल त्याग करते समय अत्यधिक दर्द और परेशानी महसूस हो सकती है।

बवासीर का घरेलू उपचार (Home Remedies for Hemorrhoids in Hindi)

अगर बवासीर ज्यादा गंभीर न हो, तो कुछ घरेलू उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है:

✔ कब्ज को ठीक करें : बवासीर की समस्या मुख्यतः कब्ज के कारण होती है, कब्ज को ठीक करने के लिए खीरा, फाइबर युक्त आहार, या त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। 
गर्म पानी से Sitz Bath लें: दिन में 2-3 बार 10-15 मिनट तक गर्म पानी में बैठने से आराम मिलता है।
फाइबर युक्त आहार लें: हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करें।
पानी अधिक पिएं: रोज़ाना 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
नारियल तेल या एलोवेरा जेल लगाएं: इससे जलन और खुजली में राहत मिलती है।
अत्यधिक मसालेदार और तले हुए खाने से बचें।
बिना ज़रूरत के ज़ोर न लगाएं: मल त्याग के दौरान ज्यादा जोर लगाने से बचें।
योग और व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से मल त्याग आसान होता है।

बवासीर का आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपचार

त्रिफला चूर्ण: रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होती है।
प्याज और शहद: बवासीर में प्याज का रस और शहद मिलाकर खाने से राहत मिलती है।
अर्जुन छाल का काढ़ा: यह रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है।
दूध और अंजीर: रात को अंजीर भिगोकर सुबह दूध के साथ लेने से फायदा होता है।
नीम के पत्तों का पेस्ट: इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सूजन कम होती है।

बवासीर का एलोपैथिक इलाज (Medical Treatment for Hemorrhoids)

अगर घरेलू उपाय और आहार में बदलाव से बवासीर में सुधार नहीं होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर मरीज की परेशानी और स्थिति के अनुसार सटीक उपचार दे सकते हैं, कुछ इस प्रकार हैं :

🔹 क्रीम और मलहम: Hydrocortisone क्रीम, Lidocaine जेल जैसी दवाएं खुजली और सूजन को कम करती हैं।
🔹 दर्द निवारक दवाएं: Ibuprofen या Paracetamol जैसी दवाएं दर्द को कम कर सकती हैं।
🔹 स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy): इसमें दवा इंजेक्ट करके बवासीर को छोटा किया जाता है।
🔹 रबर बैंड लिगेशन (Rubber Band Ligation): इसमें बवासीर की गांठ को एक रबर बैंड से बांध दिया जाता है, जिससे वह सूखकर गिर जाती है।
🔹 सर्जरी (Hemorrhoidectomy): गंभीर मामलों में बवासीर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।

बवासीर से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Hemorrhoids in Hindi)

✅ कब्ज से बचने के लिए संतुलित आहार लें।
फाइबर युक्त आहार खाएं।
भरपूर पानी पिएं।
लंबे समय तक बैठने से बचें।
नियमित व्यायाम करें।
शौचालय में अधिक समय न बिताएं।

निष्कर्ष

बवासीर कोई लाइलाज या शर्मनाक बीमारी नहीं है, बल्कि एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो सही समय पर ध्यान देने से पूरी तरह ठीक की जा सकती है। भारत जैसे देश में जहां खानपान और जीवनशैली दिन-ब-दिन बदल रही है, वहाँ यह जानना जरूरी है कि बवासीर से कैसे बचा जाए और यदि हो जाए तो उसका सही इलाज कैसे किया जाए। घरेलू नुस्खों से लेकर आयुर्वेद और एलोपैथिक विकल्प तक—आपके पास कई समाधान हैं। यदि लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। सेहतमंद भारत की दिशा में एक छोटा लेकिन जरूरी कदम है – बवासीर को समझना और उससे समय रहते निपटना।

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