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बुधवार, 26 मार्च 2025

एंटेरिक फीवर (Enteric Fever) क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

Enteric Fever (टाइफाइड) के कारण, लक्षण, बचाव, इलाज और सही खानपान की पूरी जानकारी। जानें इस बीमारी से बचने और जल्दी ठीक होने के उपाय।


परिचय

भारत में हर साल लाखों लोग एंटेरिक फीवर यानी टाइफाइड से प्रभावित होते हैं, खासकर गर्मियों और बरसात के मौसम में। एंटेरिक फीवर, जिसे टाइफाइड (Typhoid) भी कहा जाता है, एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है जो मुख्य रूप से Salmonella Typhi नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इस बीमारी का सही समय पर इलाज न करने पर यह घातक साबित हो सकता है। इस लेख में हम एंटेरिक फीवर के कारण, लक्षण, बचाव, और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।


एंटेरिक फीवर क्या है? (What is Enteric Fever)

एंटेरिक फीवर एक संक्रामक बीमारी है जो आंतों और खून को प्रभावित करती है। यह दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैलता है और शरीर में तेज बुखार, कमजोरी, सिरदर्द, और पाचन संबंधी समस्याएँ पैदा करता है।


एंटेरिक फीवर के कारण (Causes of Enteric Fever)

1. बैक्टीरियल संक्रमण

  • यह बीमारी Salmonella Typhi और कभी-कभी Salmonella Paratyphi बैक्टीरिया के कारण होती है।

  • यह बैक्टीरिया दूषित पानी या भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और आंतों में संक्रमण फैलाता है।


2. दूषित भोजन और पानी

  • टाइफाइड मुख्य रूप से उन इलाकों में फैलता है जहाँ स्वच्छता की कमी होती है।

  • गंदे हाथों से बना या खुली जगह पर रखा गया भोजन खाने से संक्रमण हो सकता है।


3. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना

  • यदि कोई व्यक्ति पहले से संक्रमित है और वह स्वच्छता का ध्यान नहीं रखता तो उसके संपर्क में आने वाले लोग भी संक्रमित हो सकते हैं।

  • संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए गए बर्तन, शौचालय, या अन्य वस्तुओं को छूने से भी बैक्टीरिया फैल सकता है।


एंटेरिक फीवर के लक्षण (Symptoms of Enteric Fever)

एंटेरिक फीवर धीरे-धीरे विकसित होता है और इसके लक्षण 7-14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं।

शुरुआती लक्षण:

  • तेज़ बुखार (102-104°F)
  • सिरदर्द
  • भूख में कमी
  • थकान और कमजोरी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • कब्ज़ या डायरिया (बच्चों में डायरिया और बड़ों में कब्ज़)

गंभीर लक्षण:

  • पेट में सूजन और दर्द
  • खून की उल्टी या मल में खून आना
  • त्वचा पर हल्के गुलाबी रंग के चकत्ते (Rose Spots)
  • मानसिक भ्रम और बेहोशी
  • आंतों में अल्सर या छेद (Intestinal Perforation)

एंटेरिक फीवर का डायग्नोसिस (परीक्षण)

डॉक्टर इस बीमारी की पहचान निम्नलिखित परीक्षणों से करते हैं:

विधाल टेस्ट (Widal Test) – यह सबसे आम ब्लड टेस्ट है जो एंटीबॉडी की पहचान करता है।
ब्लड कल्चर (Blood Culture Test) – यह शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की पुष्टि करता है।
स्टूल और यूरिन टेस्ट – संक्रमण की स्थिति को जानने के लिए किया जाता है।
टायफीड डॉट टेस्ट (Typhidot Test) – शरीर में Salmonella Typhi बैक्टीरिया की पहचान करता है।

एंटेरिक फीवर का इलाज (Treatment of Enteric Fever)

एंटीबायोटिक्स: – डॉक्टर मरीज के लक्षणों में अनुसार Ciprofloxacin, Azithromycin, या Ceftriaxone जैसी एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं।
हाइड्रेशन: – शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए पर्याप्त तरल पदार्थ लें।
आराम: – पूरी तरह से आराम करना ज़रूरी है, ताकि शरीर जल्दी रिकवर कर सके।
हल्का और पौष्टिक भोजन: – हल्की और सुपाच्य चीजें जैसे खिचड़ी, दलिया, सूप आदि खाएं।
हॉस्पिटल में भर्ती: – यदि बीमारी गंभीर हो जाए तो मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जाता है।

एंटेरिक फीवर से बचाव कैसे करें?

स्वच्छ पानी पिएं – हमेशा उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
स्वच्छता का पालन करें – खाना खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना चाहिए।
टीकाकरण (Typhoid Vaccine) – टाइफाइड वैक्सीन लेना इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
साफ-सुथरे बर्तनों का उपयोग करें – हमेशा साफ बर्तन में खाना खाएं और खुले में रखे भोजन से बचें।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें – संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और उनके द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं को अच्छे से साफ करें।

एंटेरिक फीवर में क्या खाएं और क्या न खाएं?

खाने के लिए उचित चीजें:

✅ हल्का और सुपाच्य भोजन (खिचड़ी, दलिया, सूप)
✅ ताजे फल और सब्जियाँ (केला, सेब, पपीता)
✅ दही और छाछ – प्रोबायोटिक्स इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
✅ नारियल पानी – शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है।

इन चीजों से बचें:

❌ जंक फूड और मसालेदार भोजन
❌ बाहर का दूषित पानी और खाना
❌ अधिक तैलीय और मीठा भोजन
❌ कैफीन और शराब

एंटेरिक फीवर से जुड़े सामान्य सवाल (FAQ's)

1. एंटेरिक फीवर कितने दिनों तक रहता है?

सही इलाज मिलने पर यह 7-10 दिनों में ठीक हो सकता है, लेकिन कभी-कभी लक्षण 2-3 हफ्ते तक रह सकते हैं।


2. क्या टाइफाइड (एंटेरिक फीवर) से मौत हो सकती है?

यदि सही समय पर इलाज न मिले तो यह घातक हो सकता है, क्योंकि यह आंतों में छेद (perforation) और आंतरिक रक्तस्राव (internal bleeding) का कारण बन सकता है।


3. क्या एंटेरिक फीवर छूने से फैलता है?

नहीं, यह छूने से नहीं फैलता लेकिन दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैल सकता है।


4. क्या टाइफाइड की वैक्सीन उपलब्ध है?

हां, Typhoid Conjugate Vaccine (TCV) और Vi Polysaccharide Vaccine (ViPS) उपलब्ध हैं, जो टाइफाइड से बचाने में मदद करते हैं।


5. क्या टाइफाइड दोबारा हो सकता है?

हां, यदि शरीर में बैक्टीरिया दोबारा प्रवेश कर जाए तो टाइफाइड दोबारा हो सकता है।


निष्कर्ष

एंटेरिक फीवर (टाइफाइड) एक गंभीर संक्रमण है जो दूषित भोजन और पानी के कारण फैलता है। इसकी सही समय पर पहचान और इलाज बहुत ज़रूरी है। स्वच्छता बनाए रखना, सुरक्षित पानी पीना, और टीकाकरण कराना इस बीमारी से बचने के सबसे प्रभावी तरीके हैं। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी के लक्षण महसूस कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज लें।

सदा स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें! 😊


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