अंकुरित अनाज पोषण से भरपूर होते हैं और पाचन, वजन घटाने, इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होते हैं। जानें Sprouts बनाने का सही तरीका, फायदे और सावधानियां।
अंकुरित अनाज (Sprouts) स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते हैं और इन्हें एक सुपरफूड माना जाता है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इनका नियमित सेवन शरीर को ऊर्जावान और रोगों से लड़ने में सक्षम बनाता है। अंकुरित अनाज को प्राचीन काल से ही स्वस्थ आहार के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। आधुनिक विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है कि अंकुरण की प्रक्रिया से अनाज, दालों और बीजों का पोषण मूल्य बढ़ जाता है।
इस पोस्ट में हम अंकुरित अनाज के फायदे, इसे बनाने की विधि, सेवन का सही तरीका, और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझेंगे।
1. अंकुरित अनाज क्या होते हैं?
जब अनाज, दालें या बीज पानी में भिगोकर कुछ घंटों तक रखे जाते हैं, तो वे अंकुरित होने लगते हैं। यह प्रक्रिया एक प्राकृतिक तरीके से उनमें पोषण बढ़ा देती है।
अंकुरण की प्रक्रिया में क्या होता है?
- बीजों के एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं, जिससे उनमें मौजूद पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है।
- स्टार्च सरल शर्करा में परिवर्तित हो जाता है, जिससे इन्हें पचाना आसान हो जाता है।
- प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है और यह अधिक सुपाच्य हो जाता है।
- फाइबर की मात्रा बढ़ने से पाचन स्वास्थ्य को लाभ होता है।
2. अंकुरित अनाज में पाए जाने वाले पोषक तत्व
अंकुरित अनाज पोषण से भरपूर होते हैं। नीचे दिए गए टेबल में सामान्य रूप से अंकुरित अनाज में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है:
पोषक तत्व | मात्रा (100 ग्राम में) |
---|---|
कैलोरी | 30-40 kcal |
प्रोटीन | 3-5 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 6-8 ग्राम |
फाइबर | 2-4 ग्राम |
विटामिन C | 10-15 मिलीग्राम |
आयरन | 1-2 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 20-30 मिलीग्राम |
पोटेशियम | 120-150 मिलीग्राम |
अंकुरित अनाज में अमीनो एसिड, एंजाइम, एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक विटामिन जैसे विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स, सी और के भी मौजूद होते हैं।
3. अंकुरित अनाज के फायदे
(1) पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
अंकुरित अनाज में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंजाइम होते हैं, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाते हैं और कब्ज, गैस व एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।
(2) वजन घटाने में सहायक
कम कैलोरी और अधिक फाइबर के कारण यह वजन घटाने में मदद करता है। यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे अधिक खाने की इच्छा कम होती है।
(3) इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
अंकुरित अनाज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे शरीर संक्रमण से बचा रहता है।
(4) मधुमेह (डायबिटीज) में लाभदायक
अंकुरण प्रक्रिया के दौरान स्टार्च सरल शर्करा में बदल जाता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। यह टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
(5) हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
अंकुरित अनाज में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने की क्षमता होती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
(6) त्वचा और बालों के लिए लाभकारी
इसमें मौजूद विटामिन ए, सी और ई त्वचा की चमक बनाए रखते हैं और बालों को मजबूत बनाते हैं।
(7) हड्डियों को मजबूत बनाता है
अंकुरित अनाज में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं।
(8) कैंसर से बचाव
अंकुरित अनाज में फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक होते हैं।
4. अंकुरित अनाज बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री:
- दालें (मूंग, चना, मसूर, सोयाबीन, मोठ, अल्फाल्फा आदि)
- पानी
- एक छानने वाली छलनी या मलमल का कपड़ा
बनाने की प्रक्रिया:
भिगोना:- किसी भी अनाज या दाल को अच्छी तरह धोकर एक कटोरी में रखें और उसमें 8-12 घंटे तक पानी डालकर छोड़ दें।
छानना:
- भीगे हुए अनाज का पानी निकालकर छलनी में रख दें या मलमल के कपड़े में बांध दें।
अंकुरण:
- इसे 12-24 घंटे के लिए हल्के गर्म और हवादार स्थान पर रखें।
- हर 6-8 घंटे में थोड़ा पानी छिड़कें, ताकि नमी बनी रहे।
- 1-2 दिनों में छोटे-छोटे अंकुर निकल आएंगे, जिन्हें आप सेवन कर सकते हैं।
5. अंकुरित अनाज का सेवन करने का सही तरीका
कच्चा सेवन:
इसे सीधे खाया जा सकता है या सलाद में मिलाया जा सकता है।सूप या सब्जी में मिलाकर:
अंकुरित अनाज को हल्की सब्जियों में डालकर पोषण बढ़ाया जा सकता है।दही के साथ:
अंकुरित मूंग या चने को दही के साथ मिलाकर स्वादिष्ट और हेल्दी स्नैक बनाया जा सकता है।पराठा या चीला:
अंकुरित अनाज को पीसकर आटे में मिलाकर पराठा या चीला बनाया जा सकता है।
6. अंकुरित अनाज के संभावित दुष्प्रभाव
हालांकि अंकुरित अनाज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह नुकसानदायक भी हो सकता है।
- फूड पॉइजनिंग का खतरा: अधिक नमी होने पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे पेट खराब हो सकता है।
- अत्यधिक गैस और अपच: कुछ लोगों को इसे पचाने में कठिनाई हो सकती है, खासकर जिनका पाचन तंत्र कमजोर हो।
- एलर्जी: कुछ लोगों को अंकुरित सोयाबीन या अन्य दालों से एलर्जी हो सकती है।
सावधानी:
- हमेशा ताजे और स्वच्छ अंकुरित अनाज का सेवन करें।
- अत्यधिक मात्रा में न खाएं, शुरुआत में कम मात्रा लें।
7. निष्कर्ष
अंकुरित अनाज प्रकृति का एक अनमोल उपहार हैं, जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप न केवल अपने शरीर को पोषण दे सकते हैं, बल्कि कई बीमारियों से भी बच सकते हैं। हालांकि, संतुलित मात्रा में और सही तरीके से इसका सेवन करना जरूरी है। इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!
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