अगर बार-बार मांसपेशियों में ऐंठन हो रही है, तो ये गलती कर रहे हैं आप!
शरीर में ऐंठन (Cramping) एक सामान्य लेकिन कभी-कभी असहज और दर्दनाक समस्या हो सकती है। यह ऐंठन शरीर के विभिन्न भागों जैसे कि पैरों, गर्दन, हाथों, पेट और पीठ में हो सकती है। कई बार यह कुछ ही सेकंड में ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार लंबे समय तक बनी रहती है। आइए जानते हैं इसके संभावित कारण और समाधान।
शरीर में ऐंठन होने के मुख्य कारण
1. पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
- शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
- पसीने के जरिए नमक और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी ऐंठन को और बढ़ा सकती है।
2. मांसपेशियों में थकान और ओवरयूज
- अत्यधिक शारीरिक परिश्रम या व्यायाम करने से मांसपेशियां थक जाती हैं और ऐंठन शुरू हो सकती है।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे या खड़े रहने से भी ऐंठन हो सकती है।
3. पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी
- ये मिनरल्स मांसपेशियों के संकुचन और विश्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- इनके स्तर में गिरावट से मांसपेशियों में असामान्य संकुचन हो सकते हैं, जिससे ऐंठन हो सकती है।
4. ब्लड सर्कुलेशन की समस्या
- यदि रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो रहा है, तो ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्व मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाते, जिससे ऐंठन हो सकती है।
- ठंडे वातावरण में ज्यादा समय बिताने से भी रक्त संचार प्रभावित हो सकता है।
5. तंत्रिका तंत्र की समस्याएं
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) और पार्किंसंस रोग में ऐंठन एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
- रीढ़ की हड्डी की समस्या, नस दबने या नसों की सूजन से भी ऐंठन हो सकती है।
6. थायरॉइड और हार्मोन असंतुलन
- हाइपोथायरायडिज्म के कारण मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और ऐंठन बढ़ सकती है।
- डायबिटीज के कारण भी तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे ऐंठन हो सकती है।
7. कुछ दवाओं का प्रभाव
- उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल या अस्थमा की कुछ दवाएं मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकती हैं।
- मूत्रवर्धक (Diuretics) दवाएं शरीर से इलेक्ट्रोलाइट्स कम कर देती हैं, जिससे ऐंठन हो सकती है।
8. अनियमित खानपान और लाइफस्टाइल
- अत्यधिक कैफीन या शराब का सेवन करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलित हो सकते हैं।
- अत्यधिक तनाव और नींद की कमी भी ऐंठन को ट्रिगर कर सकते हैं।
ऐंठन से बचाव और उपचार
👉पर्याप्त पानी पिएं – दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
👉संतुलित आहार लें – केला, पालक, नट्स, दूध, दही, और बीजों को आहार में शामिल करें।
👉नियमित व्यायाम करें – हल्की स्ट्रेचिंग और योगासन करें, जिससे मांसपेशियां मजबूत बनी रहें।
👉गर्म और ठंडी सिकाई करें – प्रभावित स्थान पर हल्के गर्म पानी की थैली या ठंडी सिकाई करने से राहत मिल सकती है।
👉मालिश करें – नारियल तेल या सरसों के तेल से हल्की मालिश करें, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है।
👉तनाव कम करें – ध्यान, प्राणायाम और पर्याप्त नींद लें।
👉दवाओं की समीक्षा करें – यदि कोई दवा ऐंठन का कारण बन रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
अगर ऐंठन बार-बार होती है और लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और शरीर को मजबूत बनाए रखें!
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