✅ स्ट्रेस और वजन बढ़ने के पीछे का चौंकाने वाला कनेक्शन!

स्ट्रेस के कारण वजन क्यों और कैसे बढ़ता है, इससे बचने के उपाय और सम्पूर्ण जानकारी 

स्ट्रेस और बढ़ते वजन में एक गहरा संबंध है। जब हम स्ट्रेस महसूस करते हैं, तो हमारा शरीर कुछ रासायनिक बदलावों का अनुभव करता है, जो वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। इसके प्रभाव को समझने के लिए, हमें यह जानना होगा कि स्ट्रेस का हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर होता है।

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1. स्ट्रेस हार्मोन: कोर्टिसोल

स्ट्रेस के दौरान शरीर में कोर्टिसोल नामक एक हार्मोन का स्राव होता है। यह हार्मोन हमारे शरीर को स्ट्रेस से निपटने के लिए तैयार करता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक उच्च स्तर पर रहता है, तो यह वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।

  • भोजन की अधिक इच्छा: उच्च कोर्टिसोल स्तर भूख को बढ़ाता है, खासकर मीठे और वसायुक्त भोजन के लिए। यह खाने की प्रवृत्ति को नियंत्रित करता है और हमें अधिक खाने की इच्छा होती है।
  • चयापचय में बदलाव: कोर्टिसोल के अधिक स्तर के कारण शरीर की ऊर्जा की खपत कम हो सकती है, जिससे कैलोरी अधिक स्टोर होती हैं और वजन बढ़ता है।

2. स्ट्रेस के कारण खानपान की आदतें बदलना

जब हम स्ट्रेस महसूस करते हैं, तो अक्सर हम "कम्फर्ट फूड्स" या तला-भुना, मीठा और उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होते हैं। ये खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन शरीर में अतिरिक्त कैलोरी और वसा जमा करता है, जो वजन बढ़ाने का कारण बनता है।

  • इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating): स्ट्रेस के दौरान लोग खाने को अपनी भावनाओं से निपटने का एक तरीका मानते हैं । इसे इमोशनल ईटिंग कहा जाता है, जो स्ट्रेस को कुछ समय के लिए कम करता है, लेकिन अंततः वजन बढ़ने का कारण बनता है।
  • नियमित भोजन की अनदेखी: स्ट्रेस के कारण कई लोग नियमित रूप से भोजन करना छोड़ देते हैं या फिर बहुत अधिक खाते हैं। दोनों ही परिस्थितियां स्वास्थ्य और वजन पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं।

3. शारीरिक सक्रियता में कमी

स्ट्रेस का एक और असर यह होता है कि यह शारीरिक गतिविधियों को कम कर देता है। जब हम स्ट्रेस में होते हैं, तो हम अक्सर थकान और आलस्य महसूस करते हैं, जिससे व्यायाम और शारीरिक गतिविधि में कमी आ जाती है। इससे कैलोरी जलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और शरीर में वसा का संचय बढ़ता है।

  • स्ट्रेस के कारण व्यायाम करने की इच्छा कम हो जाती है।
  • मानसिक थकान और चिंता के कारण शारीरिक सक्रियता में कमी आती है।

4. नींद पर असर

स्ट्रेस अक्सर नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। कम नींद से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन (जैसे घ्रेलिन और लेप्टिन) पर असर पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि भूख बढ़ जाती है, खासकर मीठे और तैलीय खाद्य पदार्थों के लिए, और कैलोरी का सेवन बढ़ता है।

  • नींद की कमी: स्ट्रेस के कारण नींद में खलल पड़ता है, जिससे भूख बढ़ने वाला हार्मोन घ्रेलिन का स्तर बढ़ता है और सैटियटी (भोजन की तृप्ति) हार्मोन लेप्टिन का स्तर घटता है, जिसके कारण अधिक खाना खाने की इच्छा होती है।

5. स्ट्रेस और वसा का जमाव 

जब शरीर स्ट्रेस के दौरान कोर्टिसोल रिलीज करता है, तो यह शरीर में वसा का जमाव बढ़ा सकता है, खासकर पेट के आसपास। पेट की वसा (विशेषकर आंत वसा) हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी होती है।

  • स्ट्रेस के दौरान, शरीर अधिक वसा जमा करने की प्रक्रिया को बढ़ाता है, जिससे पेट के आसपास अधिक वसा जमा होती है।


स्ट्रेस से वजन बढ़ने से बचने के उपाय

  1. व्यायाम और योग: नियमित रूप से व्यायाम करना तनाव को कम करता है और वजन को नियंत्रित करता है। योग और ध्यान (मेडिटेशन) भी मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
  2. स्वस्थ आहार: स्ट्रेस के दौरान स्वस्थ आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण है। हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  3. तनाव प्रबंधन: स्ट्रेस को नियंत्रित करने के लिए ध्यान, गहरी सांस लेना, माइंडफुलनेस और हंसी की चिकित्सा का अभ्यास करें।
  4. पर्याप्त नींद: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें, जिससे हार्मोन संतुलित रहते हैं और भूख नियंत्रित रहती है।
  5. इमोशनल ईटिंग से बचें: भोजन को भावनात्मक संतोष के रूप में इस्तेमाल करने से बचें। अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अन्य तरीकों को अपनाएं।

निष्कर्ष

स्ट्रेस का शरीर पर गहरा असर होता है, और यह वजन बढ़ने का एक प्रमुख कारण बन सकता है। हालांकि, इसे नियंत्रित किया जा सकता है यदि हम स्ट्रेस को प्रबंधित करने के लिए सही कदम उठाएं और मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।


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