✅ पेट दर्द से हैं परेशान! यह हो सकता है नाभि खिसकने का इशारा!

नाभि खिसकना या धरण: कारण, समस्याएं, और उपचार!

नाभि खिसकना या धरण एक पारंपरिक चिकित्सा धारणा है, जिसे विशेष रूप से ग्रामीण भारत और आयुर्वेदिक पद्धतियों में मान्यता दी जाती है। इसे आमतौर पर पेट की मांसपेशियों के खिंचाव या कमजोर पड़ने से जुड़ी स्थिति माना जाता है। आधुनिक चिकित्सा में इसे पेट के मांसपेशियों के खिंचाव, नाभि विस्थापन (Navel Displacement), या हर्निया के रूप में देखा जाता है। आइए विस्तार से समझते हैं नाप या धरण के कारण, प्रभाव, और उपचार के बारे में।

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नाभि खिसकना या धरण क्या है?

नाप या धरण की स्थिति में व्यक्ति की नाभि (नाभि चक्र) अपनी सामान्य स्थिति से खिसक जाती है। यह आमतौर पर पेट के मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ने या अत्यधिक शारीरिक परिश्रम के कारण होता है।

धरण के दौरान नाभि के आसपास दर्द, पेट की गड़बड़ी, और शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं।


धरण क्यों होता है?

1. अत्यधिक शारीरिक परिश्रम

  • भारी सामान उठाना या अचानक झटका लगने से पेट की मांसपेशियां खिंच जाती हैं।

2. गलत शारीरिक मुद्रा

  • लंबे समय तक झुककर या टेढ़ा बैठने या खड़े रहने से पेट पर दबाव बढ़ जाता है।

3. अत्यधिक वजन घटाना

  • तेजी से वजन घटने पर पेट की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।

4. पाचन संबंधी समस्याएं

  • कब्ज, गैस, और अधिक उल्टी होने से पेट पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है।

5. आनुवंशिक कारण

  • कमजोर मांसपेशियों के कारण कुछ लोगों को धरण होने की संभावना अधिक होती है।

6. अनियमित भोजन 

  • निश्चित समय पर भोजन न करने और खाली पेट रहने से भी धरण की समस्या हो सकती है। 

धरण से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

पेट दर्द और ऐंठन
  • नाभि के आसपास दर्द, जो शारीरिक गतिविधियों के दौरान बढ़ सकता है।

पाचन संबंधी गड़बड़ियां

  • भूख कम लगना, कब्ज, गैस, या अपच जैसी समस्याएं।

थकान और कमजोरी

  • शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।

अन्य समस्याएं

  • गंभीर मामलों में यह हर्निया का रूप ले सकता है, जिसमें पेट के अंग बाहर की ओर निकल सकते हैं।

धरण होने पर क्या करें?

1. घरेलू उपाय

  • मालिश: नाभि के चारों ओर गर्म तेल (जैसे सरसों का तेल) से हल्की मालिश करें।
  • गर्म पानी की पट्टी: पेट पर गर्म पानी की बोतल रखने से आराम मिलता है।
  • अजवाइन का सेवन: अजवाइन को पानी में उबालकर पीने से पाचन में सुधार होता है।
  • तुलसी और शहद: तुलसी के पत्ते का रस और शहद मिलाकर सेवन करें।

2. व्यायाम और योग

  • पवनमुक्तासन: पेट की मांसपेशियों को आराम देने के लिए यह योग आसन प्रभावी है।
  • भुजंगासन: नाभि को सामान्य स्थिति में लाने में सहायक।
  • हलासन: पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है।

3. आयुर्वेदिक उपचार

  • आयुर्वेद में धरण को ठीक करने के लिए विशेष औषधियां और पंचकर्म पद्धतियां अपनाई जाती हैं।
  • त्रिफला चूर्ण: इसे रात में गर्म पानी के साथ लें, यह पाचन को सुधारता है।
  • दशमूल अर्क: मांसपेशियों को ताकत देने के लिए फायदेमंद।

4. चिकित्सकीय परामर्श लें

  • यदि दर्द और अन्य लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अत्यधिक गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

धरण से बचने के उपाय

भारी सामान उठाने से बचें

  • सही तरीके से झुकें और वजन उठाएं।

संतुलित आहार लें

  • निश्चित समय पर पर्याप्त भोजन करें, खाली पेट रहने से बचें। 
  • फाइबर युक्त भोजन और पर्याप्त पानी पिएं, जिससे कब्ज और गैस की समस्या न हो।

योग और व्यायाम करें
  • पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित व्यायाम करें।

सही मुद्रा अपनाएं
  • सही तरीके से बैठें  तथा झुकने और उठने में सावधानी बरतें।

निष्कर्ष

नाभि खिसकना या धरण आम समस्या है, लेकिन समय पर उचित देखभाल और उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। संतुलित जीवनशैली, सही खानपान, और नियमित व्यायाम से इसे होने से रोका जा सकता है। अगर लक्षण गंभीर हों, तो घरेलू उपायों के साथ डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।


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